ई-सूचना स्रोतों के उपयोग में कृषि विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयाध्यक्षों की भूमिका

Title
ई-सूचना स्रोतों के उपयोग में कृषि विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयाध्यक्षों की भूमिका
Author(s)
Dr. Vinod Kumar Ahirwar
Issue Date
04-07-2018
Citation
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Document Abstract
भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। उन्नत और उत्कृष्ट कृषि के लिये यह आवश्यक है, कि कृषि शिक्षा उन्नत, प्रगतिशील और उत्कृष्ट हो। भारत में कृषि शिक्षा प्राचीन काल से उत्कृष्ट रही है। वर्तमान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं इसका अंग कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग भारत में कृषि शिक्षा हेतु मापदण्ड एवं आदर्श निर्धारित करते है। इन्हीं के निर्देशानुसार कृषि विश्वविद्यालय में पुस्तकालयाध्यक्ष एवं पर्याप्त ग्रंथालय कर्मचारी एवं मुद्रित एवं ई-सूचना स्रोत से सुज्जित पुस्तकालय का होना अनिवार्य है। वर्तमान युग में चूकि सूचनाओं का प्रकाशन अत्याधिक बढ़ गया है, कारण कृषि, वानिकी एवं संबद्ध विषय क्षेत्रों में उत्कृष्ट शिक्षा हेतु विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, शोधार्थियों एवं वैज्ञानिकों को सूचनाये उपलब्ध कराने की दृष्टि से ई-सूचना स्रोतों का अपना विशिष्ट महत्व है। ई-सूचना स्रोतों के उपयोग से संबंधित सभी संभव प्रयास पुस्तकालयाध्यक्षों द्वारा किये जाते है व इसके फलस्वरूप भारत मेे उत्कृष्ट कृषि शिक्षा एवं समाजोपयोगी अनुसंधान हो रहें। इन अनुसंधान कार्यो की सहायता से कृषि उत्पादन को बढ़ाने एवं भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायता मिलती है। इस प्रकार कृषि विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयाध्यक्ष भारत की उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
Language
Hindi
Document Year
2018
Subject Name
Library & Information Science
Publisher Name
Social Research Foundation
Rights :
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